अनंत चेतना/वारासिवनी :- वारासिवनी से कोसते मार्ग का निर्माण करीब 1 वर्ष पहले किया गया है जिसके दोनों साइड कीचड़ का अंबार लगा हुआ है। जहां पर साइड सोल्डर में मिट्टी और मोरम डाल दी गई है जहां पर वाहनों के आवाजाही से कीचड़ हो गया है जिस पर से मोटरसाइकिल या साइकिल चालक को गुजरने में काफी परेशानी हो रही है। इस दौरान लोग दुर्घटनाग्रस्त भी हो रहे हैं जिस कारण से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है मार्ग की हालत को देखकर ग्रामीणों सहित राहगीरों में भी आक्रोश भरा हुआ है। क्योंकि सड़क निर्माण के बाद से ही लगातार ग्रामीणों के द्वारा मार्ग के साइड सोल्डर में अच्छी क्वालिटी की मुरम डालने की मांग की जाती रही है पर जिम्मेदार प्रशासन द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया जिसका खामियाजा ग्रामीण एवं राहगीरों को बरसात में उठाना पड़ रहा है।
यह है मार्ग की स्थिति
यह वारासिवनी से डोंगरमाली मार्ग है जहां पर भारी यातायात की स्थिति बनी हुई रहती है रोजाना हजारों वाहन एवं ग्रामीण अपने कार्यों के लिए आना-जाना करते हैं। रोड़ मात्र 10 फीट चौड़ी रोड है जिसके साइड सोल्डर में पूरा कीचड़ बना हुआ है यदि कोई बड़ा वाहन मार्ग पर आता है तो छोटे वाहनों को रोड से नीचे उतरना पड़ता है जहां पर बेहद कीचड़ की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में कई बार राहगीरों के कपड़े भी खराब हो जाते हैं या उन्हें दुर्घटनाग्रस्त भी होना पड़ रहा है क्योंकि साइड सोल्डर में मिट्टी युक्त मोरम डाल दी गई है जो बरसात के पानी में कीचड़ बना रही है। जबकि उक्त मार्ग पर स्थित समस्त ग्राम के ग्रामीण अपने कार्यों के लिए एवं विद्यार्थी शिक्षा अध्ययन करने के लिए वारासिवनी मुख्यालय प्रतिदिन आते हैं ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग महाराष्ट्र से जुड़ गया है जिससे यातायात का दबाव दुगना हो चुका है और वर्तमान बरसात में सबसे ज्यादा तकलीफ विद्यार्थियों को हो रही है क्योंकि वह मुख्यालय आने के दौरान यदि दुर्घटनाग्रस्त होते हैं या किसी वहां से उनकी ड्रेस खराब हो जाती है तो उस दिन उन्हें स्कूल की छुट्टी मार कर घर पर वापस जाना पड़ता है। ऐसे में उनकी पढ़ाई का भी नुकसान होता है जिसका सुधार कार्य कर वर्तमान में चिल्ली डालने या कीचड़ को हटाने की मांग विभाग से ग्रामीण एवं राहगीरों के द्वारा की जा रही है।
ग्रामीण कीर्ति अवझेकर ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि यह वारासिवनी से कोस्ते मार्ग है जहां सड़क बहुत छोटी है और उसके दोनों तरफ कीचड़ बन गया है तो वहीं झाड़ियां भी फैली हुई है। ऐसे में आवागमन करने में काफी समस्या आ रही है क्योंकि किसी भी वाहन के आने पर छोटे वाहन या साइकिल चालक को रोड से नीचे उतरना पड़ता है। ऐसे में उसके साथ दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि रोड किनारे कीचड़ होने से मोटरसाइकिल या साइकिल स्लिप हो जाती है। इस मार्ग पर भारी यातायात बना हुआ है सुबह से देर रात तक सभी प्रकार के वाहन आना-जाना करते हैं और करीब एक दर्जन से अधिक ग्राम के ग्रामीण रोजाना इस मार्ग का उपयोग करते हैं और अब तो महाराष्ट्र जाने के लिए भी नगरवासी इसी मार्ग से आना-जाना कर रहे हैं। ऐसे में समस्या विकराल है कीचड़ को हटाकर व्यवस्था बनाई जानी चाहिए चिल्ली डाली जानी चाहिए ताकि सुरक्षित रूप से हर कोई आना-जाना कर सके।
ग्रामीण कोमलचंद एडे ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि यह हमारे लिए अति आवश्यक मार्ग है इसके माध्यम से हमारे ग्राम एवं आगे विभिन्न ग्राम पड़ते हैं जहां से छात्र-छात्राएं वारासिवनी शिक्षा अध्ययन करने के लिए जाते हैं। इस दौरान ग्रामीण भी अपनी आवश्यकताओं के लिए मुख्यालय जाते हैं ऐसे में दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि रोड छोटा है वाहनों के चलने से कीचड़ लोगों के कपड़ों पर उड़ता है तो उन्हें फिर वापस लौटना पड़ता है। पहले इस मार्ग पर बहुत ज्यादा समस्या आती थी हमारे द्वारा आंदोलन किया गया था उसके बाद यह रोड बनी है उसमें भी साइड शोल्डर ठीक से नहीं भरे हैं जिसकी पहले भी शिकायत किए थे परंतु अभी तक कुछ सुधार नहीं हुआ है। जिस कारण से समस्या बनी हुई है हम यही चाहते हैं कि लोग सुरक्षित रूप से आवागमन कर सके जिसके लिए विभाग को व्यवस्था बनाना चाहिए।