अनंत चेतना/बालाघाट/रंजित बोपचे
नगर मुख्यालय से लगभग १० किमी. दूर ग्राम पंचायत रानीकुठार के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंढरापानी में बाघ ने दो बकरियों का शिकार कर दिया है और बार-बार गांव के नजदीक बाघ दिखाई देने से ग्रामीणजन दहशत में है। जिन्होने वन विभाग से बाघ को पकडक़र सुरक्षित स्थान पर छोडऩे की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पंढरापानी निवासी दीपक गोयल शुक्रवार की शाम में बकरी सहित अन्य मवेशियों को कोठे में बांधकर सो गये थे जब वे शनिवार की सुबह उठकर मवेशियों को कोठे से बाहर निकालने गये तो एक बकरी दिखाई नही दी और कोठे में खून का निशान दिखाई दिया। जिससे उन्हे संदेह हुआ कि बाघ ने बकरी का शिकार कर लिया है। जिसके बाद उन्हे कोठे व आंगन में बाघ के पैर के निशान दिखाई दिये और कुछ दुर स्थित झाडिय़ों में बकरी मृत अवस्था में पड़ी हुई थी जिससे उन्हे विश्वास को हो गया कि बाघ गांव के नजदीक आ चुका है और बकरी का शिकार किया है। इसी तरह ग्राम के अन्य व्यक्ति के घर की बकरी का भी बाघ ने शिकार किया है।
जिसके बाद बकरी मालिक व ग्रामीणों ने वन विभाग को बाघ के हमले से बकरी की मौत होने की जानकारी दी और वन विभाग का अमला घटना स्थल पहुंचकर पंचनामा कार्यवाही कर मुआवजा के लिए प्रकरण तैयार किया है एवं ग्रामीणजनों को खेत व जंगल की ओर अकेले न जाने मना किया है। बाघ के हमले से पंढरवानी में दो बकरियों की मौत हो चुकी है जिससे पशु मालिक को हजारों रूपये का नुकसान हुआ है व ग्रामीणजन दहशत में है। आपकों बता दे कि दक्षिण सामान्य वन मंंडल लालबर्रा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रानीकुठार का गांव पंढरापानी जंगल से लगा हुआ है और बार-बार बाघ गांव के नजदीक दस्तक दे रहा है। साथ ही पूर्व में मवेशियों पर हमले होने की घटना हो चुकी है और शुक्रवार की रात में मवेशी कोठे में बंधे दो बकरियों का शिकार कर दिया है जिससे ग्रामीणजनों में दहशत का माहौल निर्मित हो चुका है और उन्हे यह डर सताने लगा है कि किसी भी समय बाघ गांव के अंदर पहुंचकर ग्रामीणजन व मवेशियों पर हमला कर शिकार कर सकता है जिससे ग्रामीणजन दहशत में जी रहे है। ग्रामीणजनों ने वन विभाग से बाघ के शिकार से मृत हुई बकरियों का मुआवजा दिलवाने एवं बाघ को जल्द पकडक़र सुरक्षित स्थान पर छोडऩे की मांग की है।
दक्षिण सामान्य वन मंडल लालबर्रा के रेंजर हर्षित सक्सेना से दूरभाष पर पंढरापानी(रानीकुठार) में बाघ के शिकार से दो बकरियों की मौत हो जाने एवं बाघ के गांव के समीप बार-बार दस्तक देने से ग्रामीणजन दहशत में है, बाघ को पकडक़र सुरक्षित स्थान पर छोड़े जाने के संबंंध में चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया।