जनचेतना/मुंबई/राहुल हटवार :- देश में हर साल स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर स्कूल में इस दिन की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। स्कूल के बच्चों को इस दिन के लिए नए स्कूल ड्रेस दिए जाते है। लेकिन इस बार राज्य के स्कूलों में अलग स्थिति देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि राज्य के कई स्कूलों में बच्चों को अभी तक स्कूल ड्रेस नहीं मिले है। ऐसे में कुछ स्कूलों को छोड़कर राज्य के करीब 65 हजार स्कूलों के 44 लाख 60 हजार बच्चों को पुरानी यूनिफॉर्म में ही स्वतंत्रता दिवस मनाना पड़ेगा।
जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने राज्य स्तर पर एक ही यूनिफॉर्म लागू करने का फैसला किया था। लेकिन सरकार का यह फैसला सिर्फ आश्वासन ही रह गया है। बताया जा रहा है कि जलगांव, लातूर, सोलापुर, नागपुर, हिंगोली, पुणे, अहमदनगर, नासिक, रायगढ़ जिलों में अब तक स्कूल के यूनिफॉर्म नहीं पहुंचे है। ऐसे में स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर अगले साल यूनिफॉर्म समय पर देने की बात कर रहे है।
एक स्कूल एक यूनिफॉर्म देने का फैसला
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने जिला परिषद, नगर पालिका और महानगरपालिका के स्कूलों के 48 लाख विद्यार्थियों को एक स्कूल एक यूनिफॉर्म देने का फैसला किया था। इस फैसले को तत्काल लागू करने के आदेश भी दिए गए थे। इसके लिए महिला आर्थिक विकास निगम के माध्यम से स्कूल यूनिफॉर्म सिलवाई जानी थी। लेकिन अभी तक स्कूल में यूनिफॉर्म नहीं पहुंचे है। सरकार ने महिला स्व सहायता समूह को गणवेश सिलवाने के लिए लागत 100 रुपये प्रति यूनिफॉर्म और 10 रुपये आकस्मिक व्यय निर्धारित की गई थी। इसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन समिती को दी गई थी।
स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने क्या कहा
स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर अगले साल यूनिफॉर्म समय पर देने की बात कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह पहला साल है और स्काउट गाइड ने हमें बताया था कि स्काय ब्ल्यू कलर का स्कूल का ड्रेस होगा। वहीं कुछ देर के बाद उन्होंने बताया कि उनका ड्रेस स्टील ग्रे कलर का है। इसके चलते स्कूल ड्रेस तैयार करने में रुकावट आई थी। उन्होंने कहा कि यह काफी उच्च गुणवत्ता वाला ड्रेस है, इसकी जांच केंद्र सरकार की समिती करती है। इस वजह से यूनिफॉर्म तैयार करने में देरी हो रही है।