जनचेतना/मारेगाव/
मारेगाव तालुका के तहत आणे वाली वर्धा नदी से हो रही रेती की तस्करी बडे बडे लोक तहसीलदार, एसडिओ , भी सामील शाम ८ बजे से सुबह ८ बजे तक चलती है रेती की तस्करी वो भी रेती जाती है यवतमाल जिले तक आसपास के गाव को हो रही तकलीफ आपटी गोरज, वनोजा और कुछ गावो को हो रही तकलीफ अगर उनको कुछ बोला तो वो बोलते है प्रशासन हमारा खरेदा है वर्धा रेती घाट मे सबसे ज़्यदा प्रमाण मे अवैध तरिके से रेत चोरी की जा रही है. कल दिनांक 17 मई को करीबन १५० टिप्परो द्वारा रात भर रेत चोरी करके बेचने के सिलसिला जारी रहा. राळेगाव मार्ग से होते हुए ये टिप्पर यवतमाल के अलग अलग क्षेत्र मे रेत सप्लाई करते रहे. वैसे रोज़ाना वर्धा नदी से रेत घाट से करीबन 100-125 टिप्पर अवैध तरिके से खनन कर रेत चोरी का काम करते है. लेकिन कल रात का माहौल ही अलग था. इन अवैध रेत चोरी करने वाले रेत घाट मालिकों को रात मे घाट शुरू रखने की कोई परमिशन न होने के बावजूद ये लोग प्रशासन के आशिर्वाद से खुलेआम रेत चोरी कर रहे है.
यहां तक की महसुल कार्यालय को इस इस बात की परवाह नहीं है कि राज्य सरकार का करोड़ों रुपए का महसुल इन रेत चोरों द्वारा चोरी किया जा रहा है. शासन के भूगर्भ खजाने का और सरकारी मालमत्ता को चोरी कर बेचने का घृणित कार्य इन रेत चोरों द्वारा किया जा रहा है जो आज रेत घाट के मालिक बनकर बैठे हुए. जो रेत चोरी करके पैसा ये रेत चोर घाट मालिक कमा रहे हैं वह पैसा टैक्स के रूप में राज्य सरकार की तिजोरी में जाना चाहिए और वह पैसा जनकल्याण के कार्य में आएगा इस बात की निगरानी करना प्रशासन का काम है. लेकिन प्रशासन की इतनी बड़ी चुप्पी क्यों है यह भी सोचने वाली बात है. क्या तहसीलदार, एसडिओ भी सामील तो नही प्रशासन क्यों नहीं रात में जाकर रात भर रेत चोरी कर रहे लोगों को धड़ पकड़ कर इन रेत घाटों पर कार्रवाई क्यों नही करता है?
यवतमाळ जिले में आवंटित सभी रेत घाटों की ETS गिनती क्यों नहीं की जा रही? टिप्परों में लगाए गए जीपीएस द्वारा ट्रैकिंग कर क्यों नहीं इन पर कार्रवाई की जा रही? जिन रेत घाटों में मशीन व बोट के द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है नियम अनुसार उन रेत घाटों को रद्द किया जाना चाहिए तो ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है? यह प्रश्न आज जनता के हृदय में है और जिसकी वजह से यह बात सामने आ रही है कि यह सरकारी अधिकारी बड़े मात्रा में भ्रष्टाचार में लिप्त है. देखा जाए तो जिले के सभी रेत घाटों में मशीन व बोट द्वारा रेती का खनन किया जा रहा है.. ये सब मै तहसीलदार और एसडिओ का तो हात नही है अयसा अभी सामान्य लोक बात कर रहै है.