जनचेतना/ मथुरा ब्यूरो/श्याम बिहारी भार्गव
भारतीय जनता पार्टी महानगर के एक पदाधिकारी द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट से हलचल मची हुई है। महानगर के विपक्षी पार्षद इस मामले को लेकर मंगलवार को कोतवाली पहुंच गये और भाजपा पदाधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। विपक्षी पार्षदों ने इसी संबंध में महापौर को भी पत्र लिखा है। दूसरी और सत्ता पक्ष के पार्षद भी आग बबूला है। भाजपा पार्षदों पार्टी के जिला प्रभारी अशोक कटारिया और महापौर को पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की है। मामला ने तूल तब तकडा जब भाजपा महानगर के एक पदाधिकारी ने सभी पार्षदों को लेकर एक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। पक्ष और विपक्ष के पार्षद आग बबूला हो गये। सोशल मीडिया पोस्ट में नगर निगम के चुने हुए सभी 70 पार्षदों पर कथिततौर पर हरामखोरी व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।
विपक्षी पार्षद निरंजन सिंह वार्ड 44, मुन्ना मलिक वार्ड 31, रेनू चौधरी वार्ड 47, पुष्पा देवी, हेमलता धनगर वार्ड 32, मोनिका वार्ड दो, लीला वार्ड 43, गुलशन वार्ड 16, राकेश यादव वार्ड 29, चौधरी वीरेन्द्र सिंह पार्षद पति आदि ने कहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में संभावित हार को देख कर बौखलाहट में है। यही कारण है कि वह विपक्षी पार्षदों पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। जिसकी चर्चा पूरे जिले में है। भाजपा में यह अंदरूनी बंदर बांट की लड़ाई है। इसमें विपक्षी पार्षदों को शामिल न किया जाये। इससे विपक्ष के पार्षदों के मान सम्मान को ठेस पहुंची है। जनता में गलत संदेश गया है और जनता में छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। जिससे पार्षदों की मानहानि हुई है। जिसकी विपक्षी पार्षद निंदा करते हैं।