जनचेतना/गोंदिया/आरती पारधी
ग्राम सावरी में प्रसिध्द प्रवचनकर्ता कु.साध्वी गुनीता दीदी की ओजस्वी मधुरवाणी में आयोजित भव्य संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल ने पहुंचकर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण किया तथा व्यासपीठ का आशिर्वाद लिया। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में आयोजकों द्वारा शोभायात्रा, पोथीपूजन, परिक्षीत का जन्म, भरत चरित्र, नरसिंह अवतार, कृष्ण जन्म, कंस वध, रुख्मिणी स्वयंबर, सुदामा चरित्र, राजा परिक्षित मोक्ष, हवन, यज्ञ, गोपालकाला आदि का आयोजन इस अवसर पर किया गया।
इस अवसर पर उपस्थितों को संबोधित करते हुए पुर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल ने कहा की, कलयुग के वर्तमान समय सभी पापों की मुक्ती के लिये श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का श्रवण सुंदर और सुगम मार्ग है, जिससे मानव को सभी पापों से मुक्ती मिलती है और वो सतकर्म की ओर आगे अग्रसर होता है। भारत वर्ष संतों की भूमी है और यहा हजारों वर्षों से अनेक संत महात्माओं ने परमात्मा के प्रती नागरीकों में भक्तीभाव को जागृत रखा है, जो निश्चित रुप से हम सबके लिये गर्व की बात है। ग्राम सावरी में आयोजित इस श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का संगीतमय आयोजन कर आयोजकों ने क्षेत्र के नागरीकों को सदमार्ग पर ले जाने का जो प्रयास किया है, उसके लिए मैं साधुवाद देना चाहता हू। उन्होंने आगे कहा कि, धार्मिक कार्यों में उनकी विशेष आस्था है। पिछले वर्षों में मैंने तीन बार राष्ट्रीय संतों को गोंदिया में निमंत्रित कर श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन कर क्षेत्र की जनता को रामकथा-श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण का अवसर उपलब्ध कराया। अब अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा होने से अब राष्ट्र पुनः रामराज्य की ओर अग्रसर है और इसे स्थापित करने में हमारे संतो और प्रवचनकारों की अहम भुमिका है, ऐसे उद्गार पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल ने ग्राम सावरी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के अबसर पर व्यक्त किए।
प्रमुख रूप से तालुका भाजपा अध्यक्ष एवंम कृउबास संचालक धनलाल ठाकरे, सरपंच माधुरीबाई ईश्वर पटले, उपसरपंच टेकचंद दमाहे, पस सदस्य सरलाबाई चिखलोंढे, सामाजिक कार्यकर्ता भरतलाल लिल्हारे, उपसरपंच टेकचंद दमाहे, तंमुस अध्यक्ष चंदन पटले, पोलीस पाटील सुर्यकांत बिसेन, सामाजिक कार्यकर्ता ओमकार बिसेन, मानिक नेवारे, ग्राप सदस्य गेंदलाल बिसेन, उमाशंकर तुरकर, कौशलनाथ नाईक, सेवकराम चिखलोढे, गौरीशंकर डहाट, गुणबंताबाई चौधरी, दुर्गाबाई रहांगडाले, आरतीबाई चिखलोंढे, छायाबाई हरिणखेडे, सुनिताबाई चिखलोढे, ईमलाबाई लिल्हारे, विक्टर काटेवार, नारायण रहांगडाले, मयाराम हरिणखेडे, गुलाब बिसेन, कुंवरलाल पटले, मोहन मेश्राम, पुर्व सरपंच झनकलाल पटले, शोभेलाल नाईके, कुलपत उके, सर्वेश मेश्राम, मुलचंद बिसेन, यादोराव बिसेन, दिलीप भगत, अर्जुन रहांगडाले, दुलीचंद मेश्राम, शालीकराम बावनथडे, पुष्पकुमार मेश्राम, गेंदप्रकाश रहांगडाले, दिगंबर मेश्राम, खेली दमाहे, कोठेबारजी सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।