‘महाराष्ट्र में किसे कौन सा मंत्रालय, अजित पवार ने दी जानकारी

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जनचेतना/मुंबई/राहुल हटवार

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे महायुति के पक्ष में आने के बाद अब सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं. दिल्ली में गुरुवार (28 नवंबर) को महायुति नेताओं की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ अहम बैठक है. इसमें मंत्रालयों को लेकर चर्चा हो सकती है. 

दिल्ली में एनसीपी प्रमुख और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, ”आज रात 9 बजे केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह जी के साथ मीटिंग होगी. कौनसी पार्टी को कितनी मिनिस्ट्री मिलेगी, गार्डियन मिनिस्ट्री कितने मिलेंगे, इस पर भी बातचीत होगी.’

अजित पवार ने EVM के मुद्दे पर विपक्ष को घेरा

महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने ईवीएम को लेकर लगाए जा रहे विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा, ”विपक्ष के आरोप सही नहीं हैं. जब लोकसभा का चुनाव हुआ तो ईवीएम बहुत अच्छा था. अब इनके पक्ष में फैसला नहीं आया तो ईवीएम खऱाब हो गया.” इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी की मजबूती पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी थी. इसके लिए हमें अब और अधिक काम करने की जरूरत है. हम लड़ेंगे और हमें सफलता मिलेगी.”

हमारी पार्टी की प्रगति थम सी गई थी- प्रफुल्ल पटेल

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी दावा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पहले और ज्यादा मजबूत थी. उन्होंने कहा, ”एनसीपी एक समय राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पार्टियों में से एक थी. हमारी पार्टी की प्रगति थम सी गई थी. महाराष्ट्र के बाद हमने नागालैंड में विजय प्राप्त की थी. 12 प्रतिशत हमें वोट मिला. हमने अरूणाचल प्रदेश में भी चुनाव लड़ा और 6 प्रतिशत वोट मिला.”

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस पाएंगे- प्रफुल्ल पटेल

उन्होंने भरोसा जताते हुए आगे कहा, ”हमें ये सिलसिला जारी रखना है और इससे आगे बढ़ाना है. अब पहला पड़ाव दिल्ली का चुनाव है, जो राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हमने खोया है उसे वापस पाएंगे.”

महाराष्ट्र चुनाव में महायुति का शानदार प्रदर्शन

महायुति गठबंधन ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. इसने 288 में से 230 सीट पर जीत दर्ज की. महायुति के घटक दलों में बीजेपी ने 132, शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीट हासिल की. वहीं, महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों पार्टियों ने महज 46 सीटें जीतीं. बाकी की सीटें अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीते.