बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा देखकर पूर्व सासंद सुनील मेंढे हुए भावुक

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अनंत चेतना/भंडारा: लोगो ने जीताए नही इसका मतलब जनता का साथ छोड़ देंगे सदैव जनता के लिए काम करेंगे ऐसा पूर्व सांसद सुनील मेंढे अपनी सेवा भावना के कारण हार के बाद भी नहीं थके.वे बारिश के बावजूद बाढ़ पीड़ितों के पास उनके आंसू पोंछने पहुंचे. हकीकत देखकर वह भावुक हो गए। इस समय उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार को नुकसान को कम या ज्यादा ना आंकते हुए तुरंत मदद देनी चाहिए.दो दिन पहले पवनी और लाखांदुर तालुका में बारिश ने कहर बरपाया था. सबसे अधिक प्रभावित गांव पावनी तालुका में आसगांव और लाखांदुर तालुका में ओपरा थी। इन गाँवों की परिधि के अन्य गाँव भी प्रभावित हुए लेकिन इसकी तीव्रता तुलनात्मक रूप से कम थी। इस बीच जिस दिन बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई.

उस दिन वह दिल्ली में होने के बावजूद देर रात तक प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क कर यथाशीघ्र मदद दिलाने का प्रयास करते रहे. पूर्व सासंद सुनील मेंढे दिल्ली से आने के बाद सीधे पीड़िता के गांव पहुंचे और उन्होंने आसगांव, लावड़ी, मोहरी, ढोलसर, ओपरा, बोरगांव, मोखरा, पालोरा, विरली, भगाड़ी, चिचोली समेत कई गांवों का दौरा किया और हकीकत अपनी आंखों से देखी।

गांव के 90 फीसदी घर डूब गये. पानी के कारण न सिर्फ अनाज, सामग्री, छात्रों की किताबें, कपड़े बल्कि चादरें भी खराब हो गयीं. व्यवसायियों की दुकानों में पानी घुसने से दुकान में रखे सामान और गोदाम में रखे सामान पर असर पड़ा है.सुनील मेंढे पानी से भीगी हुई दीवारों, क्षतिग्रस्त सामग्रियों और ग्रामीणों की गीली आँखों को देखकर द्रवित हो गए जब उन्होंने रात की स्थिति का वर्णन किया। पशुओं का चारा व खाद भीगा हुआ देखकर भी पूर्व सांसद ने चिंता जताई. उन्होंने ग्रामीणों से भी राय मांगी कि क्या उपाय किये जाने चाहिए. पूर्व सांसद के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने लगातार हो रही बारिश की परवाह नहीं की और भीगते हुए माताओं-बहनों और परिवार के मुखियाओं के घर पहुंचे। 24 घंटे तक घर पानी में डूबे रहे, जिससे भारी क्षति हुई। इस समय सुनील मेंढे ने कहा कि वे सरकार से नुकसान की मात्रा मापे बिना मुआवजा देने की मांग करेंगे.