जनचेतना/मथुरा ब्यूरो/श्याम बिहारी भार्गव
उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय द्वारा एक विचार-मंथन सत्र का आयोजन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में “वन हेल्थ फॉर फूड सिक्योरिटी: पशुओ के टीकाकरण में उन्नतिया” विषय पर आयोजित किया गया । विचार मंथन सत्र, में पशुओं के टीकाकरण में उन्नतियों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के विषय पर महत्वपूर्ण चर्चाओं को एकत्रित किया गया । इस दौरान विभिन्न शोध संस्थानों के प्रसिद्ध वैज्ञानिक एकत्रित हो कर, विचारों का विनिमय करने और पशु स्वास्थ्य प्रबंधन को प्रभावी परिवर्तन लाने के लिए सत्र के मुख्य वक्ताओं के द्वारा व्याख्यान, पैनल चर्चा तथा गतिशील कार्यशाला आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वन हेल्थ फॉर फूड सिक्योरिटी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण अंग है।
उन्होंने बताया कि “अनसेफ फूड का मतलब नो फूड” है जिसमें मुख्य चुनौती बीमारियों को नियंत्रित करना है। बीमारियों को नियंत्रित करने में टीकाकरण का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आमंत्रित विशेषज्ञ, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के पूर्व कुलपति/निर्देशक, डॉ. आर. के. सिंह; भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक, पशु विज्ञान, डॉ. अशोक कुमार, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, मुक्तेश्वर के संयुक्त निदेशक, डॉ. वाई.पी.एस. मलिक; अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय विश्वविद्यालय, झांसी के डॉ. बी.पी. सिंह; पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, पशु विज्ञान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, डॉ ज्योति मिस्त्री; प्रधान वैज्ञानिक, जैविक उत्पाद, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जत नगर, बरेली के डॉ. बब्लू कुमार रहे । सत्र को संबोधित करते हुए, प्रोफेसर श्रीवास्तव ने कहा कि हमें नए अनुसंधान एवं वैक्सीन उत्पादन के साथ-साथ किसानों को टीकाकरण करने हेतु जागरूक करने की आवश्यकता है । साथ ही साथ वैक्सीन के नियमित रूप से आपूर्ति भी निश्चित सुनिश्चित करनी होगी । इस अवसर पर अधिष्ठाता पशु चिकित्सा संकाय, प्रोफेसर विकास पाठक ने वन हेल्थ फॉर फूड सिक्योरिटी विषय पर चर्चा करते हुए संतुलित भोज्य पदार्थ तथा उनके उपयोग के बारे में विस्तृत चर्चा की । आयोजक सचिव,अधिष्ठाता जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, प्रोफेसर रश्मि सिंह ने बताया कि सत्र वैश्विक खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सहयोगी प्रयासों के प्रति हितकर सिद्ध होगा ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुल सचिव, प्रोफेसर अरुण कुमार मदान, निदेशक शोध, प्रोफेसर विनोद कुमार, प्रोफेसर अतुल प्रकाश, प्रोफेसर देश दीपक सिंह, डॉ बरखा शर्मा, डॉ. उदित जैन, डॉ. नीरज कुमार गंगवार, डॉ. राहुल सिंह आर्य, डॉ. अजय प्रताप सिंह सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें ।