जनचेतना/गोंदिया/आरती पारधी
मराठा आंदोलन आक्रामक हो गया है. इसलिए गोंदिया आगार ने सुरक्षा कारणों से लंबी दूरी की चार फेरियां बंद कर दी हैं. बसें प्रतिदिन 1800 किमी से भी कम चल रही हैं. जिससे तीन दिनों से प्रतिदिन डेढ़ लाख रु. के राजस्व का नुकसान हुआ है. तीन दिनों में गोंदिया डिपो को साढ़े चार लाख रु. का नुकसान हुआ है.राज्य में मराठा आरक्षण आंदोलन जोरों पर है और मराठा आंदोलनकारियों द्वारा राजनीतिक नेताओं के घरों और कार्यालयों में आग लगाई जा रही है. इस आंदोलन का असर अब एसटी मंडल पर भी पड़ रहा है. हर जगह बस में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं. इसके चलते रापानि की ओर से कई जगहों पर बस सेवा बंद कर दी गई है. गोंदिया डिपो के चार फेरियां यवतमाल, नांदेड़, माहुर और उमरखेड़ बंद हो गए. उसमें से तीन बसें वहीं फंसी हुई हैं. गोंदिया डिपो को तीन दिनों से प्रतिदिन डेढ़ लाख रु. का आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसलिए यात्रियों को निजी बसों, ट्रेनों या निजी परिवहन पर निर्भर रहना पड़ रहा है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. रापानि के गोंदिया डिपो से नांदेड़, माहुर, उमरखेड जाने वाली बसें पिछले तीन दिनों से कम कर दी गई हैं. जिससे करीब 1800 किलोमीटर बसें कम चल रही है. इससे नगर विभाग को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. तीन दिन में डिपो को साढ़े चार लाख रु. का नुकसान हुआ है.
त्योहार के दौरान परेशानी
अभी त्योहारों का मौसम है. दिवाली का त्योहार बस 10 दिन दूर है. दिवाली त्योहार के लिए बाहर गए लोग गांव लौट रहे हैं. लेकिन अब एसटी महामंडल द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर बस फेरियां बंद करने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मराठा आंदोलन की चिंगारी भड़क चुकी है. यात्रियों और महामंडल की वाहनों को नुकसान से बचाने के लिए वरिष्ठों के आदेश पर चार फेरियां बंद कर दी गई हैं. वे आधे से वापस आ रहे हैं. जिससे महामंडल को घाटा हो रहा है.
संजना पटले, डिपो व्यवस्थापक, गोंदिया