20 वर्षों से संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाएगी :- इंजी राजीव ठकरेले
अनंत चेतना/गोंदिया : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने मुंबई के मलबार हिल स्थित सह्याद्रि गेस्ट हाउस में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक बुलाई.जिसमें लोधी लोधा लोध जाति को भी आमंत्रित किया गया. इस बैठक का उद्देश्य अपीलकर्ता जाति की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्थिति के बारे में वास्तविक जानकारी प्राप्त करना था। जिसमें लोधी-लोधा-लोध जातियों को प्रथम स्थान दिया गया। पिछड़ा वर्ग की सुनवाई में रानी अवंतीबाई संस्था काटोल की ओर से राम खरपुरिया ने समाज के बारे में जानकारी दी. जबकि आलोक संस्था की ओर से आनंदलाल दमाहे और ज्ञानेश्वर दमाहे ने माहिती दी वही लोधी अधिकार जन आंदोलन समिति की ओर से लोधी समाज गोंदिया के कार्यकर्ता की इंजी.राजीव ठकरेले ने जानकारी दी.
सभी संगठनों के प्रमुखों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताया किया कि हमारी जाति की शैक्षणिक, सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक ताकत कमजोर है और समाज को दैनिक समर्थन की आवश्यकता है, इसलिए सभी ने संयुक्त रूप से केंद्र के ओबीसी सूची में शामिल करने की अपील की। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद हंसराज अहीर ने दूसरी बैठक 26 जुलाई को बुलाई थी. इससे पहले बैठक 17/10/2023 को दिल्ली में हुई थी. लोधी समाज को पिछड़ा वर्ग आयोग का इंतजार है क्योंकि महाराष्ट्र के विदर्भ में लोधी लोढ़ा लोधा जाति बड़ी है और इस बार विदर्भ की चंद्रपुर लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले हंसराज अहीर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं, इसलिए उनकी उम्मीदें और भी ज्यादा हैं. लोधी समुदाय को 2004 में राज्य की ओबीसी सूची में शामिल किया गया था।
तब से 20 साल हो गए हैं लेकिन अभी भी केंद्रीय ओबीसी सूची से वंचित रहना किसी भी समुदाय के लिए बहुत लंबा समय है, जबकि लोधी समुदाय देश के 16 राज्यों में रहता है, जिसमें 13 राज्यों में राज्य और केंद्र सरकार की ओबीसी सूची और 2 राज्यों में अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल है. महाराष्ट्र एकमात्र राज्य है जिसे ओबीसी की राज्य सूची में शामिल किया गया है लेकिन ओबीसी की केंद्रीय सूची में नहीं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक में राम खरपुरिया, अनंतलाल दमाहे, ज्ञानेश्वर दमाहे, इंजी राजीव ठकरेले, राधेश्याम नागपुरे, दत्तूसिंह लोधी धुले, एकनाथ खजूरिया, मोरेश्वर मुटकुरे, श्रीराम बसेवार, नानेश्वर बिरनवारे, मयूर मुरोदिया आदि उपस्थित थे.